Wednesday, June 21, 2017

प्राथमिक शिक्षा

#प्राथमिक_शिक्षा _1 डिग्री के बोझ से दबा शिक्षक छात्र को ज्ञान देने मे अक्षम है। क्योंकि शिक्षा रुचि का विषय है न की डिग्री का इसलिए सम्मानित शिक्षको को छात्र के रुचि का ध्यान अवश्य रखना चाहिए । यहाँ प्राथमिक शिक्षा से जुड़े बंधुओ से आग्रह है की उनके पास समाज के विकास की महती ज़िम्मेदारी है जिसे पूरा करना उनका कर्तव्य ही नहीं धर्म भी है । इस धर्म की पूर्ति हेतु आपको पर्याप्त परिश्रमिक भी मिलता है अतः अपनी भूमिका सार्थक करे। दुख का विषय है की कुछ शिक्षको को छोड़ बाकी सब निष्क्रिय पड़े है 

Sunday, October 9, 2016

यह राजनीति के पतन का दौर है

राजनीति का वह दौर गुजर गया जब देश ही सब कुछ होता था । आज अवसरवाद और थोथी राजनीति ने इस देश को व्यंग का विषय बना दिया है । आप ने कभी सुना है की ओबामा से ओसामा को मारे जाने का सबूत मांगा गया । नहीं न !पर हिंदुस्तान के कुछ महापुरुष सेना की शहादत पर प्रश्न खड़े कर रहे है । जबकि इस देश के सैनिको ने सदा देश और देश वासियो की रक्षा के लिए अपने प्राण दिये है । लोगो को उन कश्मीरी अपराधियो से प्रेम जाग रहा है जो निजामे मूस्तफा के लिए नारा लगा रहे है ....मै जानना चाहता हूँ की कौन वो लोग है जो धार्मिक अतांकवाद के नाम पे बने देश को मान्यता देने की कोशिस कर रहे है ...........हे केजरीवाल हे राहुल गांधी हे तटपुंजिये वाम ......कुछ तो शर्म करो देश और राजनीति पर रहम करो । 

Sunday, May 8, 2016

समन्वय की चेतना

समन्वय मानव चेतना का मूल विचार है । मानव ने जो कुछ उत्तम और श्रेष्ठ पाया है इसी के बल पर पाया है । क्योंकि दुनिया कभी भी एक रंग से नहीं रंगी जा सकती है , इतिहास प्रमाण है ...... जो भी विचार या समुदाय आए वो कई भागो मे विभाजित हो गए । इस लिए इन विचारो मे समन्वय आवश्य होना चाहिए तभी समाज सार्थक होगा अन्यथा एक विभंजकारी विनाशक व्यवस्था जन्म लेगी जिसका खाड़ी देश प्रत्यक्ष उदाहरण है । भारत वर्ष के महापुरुष बुद्ध ने तो इसको केंद्र मे रख पूरा एक संप्रदाय ही खड़ा कर दिया । बाद मे अंबेडकर और लोहिया इस समन्वयवाद के बड़े पक्षधर हुये । परंतु वर्तमान समय मे पूरा का पूरा एक सामाजिक वर्ग खड़ा हो गया है जो समन्वय की जगह संघर्ष पर ज्यादा बल दे रहा है इससे उसका जो भी हित सध जाये पर समाज का भारी अहित हो रहा है ।

Sunday, April 24, 2016

बदल रहा है हिंदुस्तान

#‎मैंगते_चंग्नेइजैंग_मैरी_कॉम‬ नाम ही काफी है पहचान के लिए ......हिंदुस्तान के किसी कोने मे चले जाइए ....और यह नाम पूछ लीजिये .....शायद ही कोई होगा जो कहेगा की ....वह मैरी कॉम को नहीं जानता । हिंदुस्तान की यह बेटी ....महिला मुक्केबाज़ी मे मुल्क का नाम एक बार नहीं पाँच बार रोशन किया ....और इस इलाके को लड़कियों के लिए खोल दिया ....मणिपुर के दुर्गम एवं दूरस्थ इलाके से निकल ,व्यवस्था से संघर्ष करते हुये .....यह मुकाम पाना ....बड़ी बात है ...आप प्रतीक है की व्यवस्था को कोशने की जगह उससे लड़ना चाहिए ....इसी मे हमारी और इस मुल्क की सार्थकता है ..और दुनिया इन्ही शूरवीरों को सलाम करती है ...आज आपके साथ एक तमगा और जुड़ गया ‪#‎सदस्य_राज्यसभा‬ ......मै मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत करता हूँ ....और उम्मीद करता हूँ की सरकार ....इसी तरह देश हित मे फैसले लेगी ......इसी तरह से यह मुल्क एक भारत श्रेष्ठ भारत मे परिवर्तित होगा ........मैरी कॉम आपके इस नए खेल मैदान मे स्वागत है ....और भविष्य के लिए शुभकामना 

Thursday, April 14, 2016

कहाँ जा रहे है .....हम ....

जब हम छोटे बच्चे हुआ करते थे तब हमारे अध्यापक हमे बताते थे की समाज मे बुराइयों का कारण अशिक्षा और गरीबी है । तब हम सोचा कराते थे की एक ऐसा दिन होगा जब हमारा देश पूरी तरह से ....भेदभाव मुक्त हो जाएगा .....क्योंकि वह दिन जरूर आएगा जब हमारा मुल्क पूरी तरह से शिक्षित हो जाएगा ....पर नहीं शायद मै गलत था । कारण बड़ा साफ है आजकल सोसल मीडिया पर इन पड़े लिखे लोगो को ....सामाजिक दुराव फैलाते देख कर साफ हो जाता है ...... 

Friday, May 22, 2015

तमाशा मेरे आगे

संस्कृति का भी अजब खेल है क्या जायजा है क्या नाजायज है यह समझना ........... कठिन है .......... मेरी कोशिस है की दुनिया बदले ...